बॉलीवुड में ऐसे कई स्टार्स हैं जो अपने किरदार को परदे पर इस तरह निभाते हैं कि खुद उस कहानी को लिखने वाला भी हैरान रह जाए। परदे पर अपने कैरेक्टर को जीवंत कर देने वाले एक्टर्स की लिस्ट में अमुपम खेर का नाम भी शामिल है। उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म सारांश से ये बता दिया था कि वह एक्टर जरा दूजी किस्म के हैं।
हालांकि, आज अनुपम खेर जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत ही संघर्ष किया है। उन पर बचपन से ही एक्टिंग करने का जुनून सवार था। यही वजह है कि वह अपनी मां के मंदिर से पैस तक चुरा लिए थे। इस बात का खुलासा उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में किया था।
अपने स्ट्रग्लिंग डेज की कहानी बताते हुए उन्होंने कहा कि, जब कॉलेज के दिनों में अनुपम ने एक अखबार में एक्टिंग सीखने का विज्ञापन देखा तो वह उसमें एडमिशन लेना चाहते थे। लेकिन उस समय अनुपम के परिवार की आर्थिक स्तिथि खस्ता हाल थी। इसलिए उनके पिता यहां एडमिशन कराने में असमर्थ थे।
इसलिए अनुपम ने अपनी मां के मंदिर से पैसे चुराने का फैसला किया। उन्होंने खुद से कहा कि भगवान कृष्ण माखन चुराते थे, और मैं अपने एक्टिंग करियर के लिए मंदिर से पैसे चुरा रहा हूं। लेकिन एक्टिंग सीखने के बाद भी उनका संघर्ष जारी रहा। मुंबई में भी उन्हें कई रातें एक छोटे से कमरे में बिताई जिसमें उनके साथ 4 और साथी रहते थे। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और आज वह बॉलीवुड के दमदार और बड़े सितारों में से एक हैं। वह एक सफल एक्टर होने के साथ-साथ कामयाब इंसान हैं।